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"घर -२ / नवनीत शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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उसी में से और कई छोटे-छोटे घर. | उसी में से और कई छोटे-छोटे घर. | ||
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12:02, 15 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
खिड़कियों को भाने लगा है आकाश
सूरज से बिंध रही है छत
घर तब तक ही रहता है घर
जब तक उग नहीं आते
उसी में से और कई छोटे-छोटे घर.