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"जिन्होंने यह दिन दिखाया / ओमप्रकाश सारस्वत" के अवतरणों में अंतर

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जिन्होंने स्वतंत्र कराया  
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यह देश  
 
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उनको नमन  
 
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जिन्होंने दहकी जवानी  
 
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लुटा दी राहों में  
 
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जिन्होंने सपने संवारे
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सिसकती आहों में  
 
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जिन्होंने रोता हंसाया
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यह देश  
 
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उनको नमन  
 
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जिनमें सिंधु से गहरा था  
 
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देश का जज़्बा  
 
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जिनमें स्वर्ग से ऊंचा था  
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जिनमें स्वर्ग से ऊँचा था  
 
राष्ट्र का बल्वा  
 
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जिन्होंने सिर पे बिठाया  
 
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यह देश उनको नमन  
 
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जिन्होंने दिन यह दिखाया  
 
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यह पेश उनको नमन  
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यह पेश उनको नमन
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जिनका एक ही बस  
 
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इंकलाब नारा था  
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जिनको वंदे मातरम्  
 
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वतन-सा प्यारा था  
 
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जिन्होंने दिन यह दिखाया  
 
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यह पेश उनको नमन  
 
यह पेश उनको नमन  
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जिन्होंने मृत्यु से पूछा  
 
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तू अपना मोल बता  
 
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कि देश पहले है  
 
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और शेष सारे नाते हैं  
 
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तुम्हारे सपनों को अपिर्त
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तुम्हारे सपनों को अर्पित
 
हमारे सारे करम  
 
हमारे सारे करम  
 
जिन्होंने दिन यह दिखाया  
 
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यह पेश उनको नमन  
 
यह पेश उनको नमन  
 
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21:33, 15 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

जिन्होंने स्वतन्त्र कराया
यह देश
उनको नमन
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश
उनको नमन

जिन्होंने दहकी जवानी
लुटा दी राहों में
जिन्होंने सपने सँवारे
सिसकती आहों में
जिन्होंने रोता हँसाया
यह देश
उनको नमन
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश
उनको नमन

जिनमें सिंधु से गहरा था
देश का जज़्बा
जिनमें स्वर्ग से ऊँचा था
राष्ट्र का बल्वा
जिन्होंने सिर पे बिठाया
यह देश उनको नमन
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश उनको नमन
 
जिनका एक ही बस
इन्कलाब नारा था
जिनको वंदे मातरम्
वतन-सा प्यारा था
जिन्होंने गीता-सा गाया
यह देश
उनको नमन
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश
उनको नमन

जिन्हें यह देश ही
मंदिर ईमान मस्जिद था
जिन्हें यह देश ही
तन-प्राण-स्वजन सब कुछ था
जिन्होंने सोता जगाया
यह देश
उनको नमन
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश उनको नमन

जिन्होंने मृत्यु से पूछा
तू अपना मोल बता
जिन्होंने शत्रु से पूछा
तू अपना तौल बता
जिन्होंने कौल निभाया था
लहू की खा के कसम
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश
उनको नमन

तुम्हारे सामने हम भी
यह क़सम खाते हैं
कि देश पहले है
और शेष सारे नाते हैं
तुम्हारे सपनों को अर्पित
हमारे सारे करम
जिन्होंने दिन यह दिखाया
यह पेश उनको नमन