भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हर गीत / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का |संग्रह= }} <Poem> हर गीत ...)
 
(कोई अंतर नहीं)

09:15, 19 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

हर गीत
चुप्पी है
प्रेम की

हर तारा
चुप्पी है
समय की

समय की
एक गठान

हर आह
चुप्पी है
चीख़ की !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे