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"रक्त में खिला हुआ कमल/ केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर

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मेरी हड्डियाँ
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मेरी देह में छिपी बिजलियाँ हैं
 
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मेरी हड्डियां
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मेरी देह
 
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मेरे रक्त में खिला हुआ कमल
 
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क्या आप विश्वास करेंगे
 
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यह एक दिन अचानक
 
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मुझे पता चला
 
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जब मैं तुलसीदास को पढ़ रहा था  
 
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'अकाल में सारस' नामक कविता-संग्रह से
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11:36, 19 जनवरी 2009 का अवतरण

मेरी हड्डियाँ
मेरी देह में छिपी बिजलियाँ हैं
मेरी देह
मेरे रक्त में खिला हुआ कमल

क्या आप विश्वास करेंगे
यह एक दिन अचानक
मुझे पता चला
जब मैं तुलसीदास को पढ़ रहा था