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"पेड़ की तरह / राजेश जोशी" के अवतरणों में अंतर

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02:32, 24 जनवरी 2009 के समय का अवतरण


पेड़ की तरह सोचता हूँ
पेड़ भर
ऊँचा उठकर।

पेड़ भर सोचता हूँ
पेड़ भर
चौड़ा होकर।

इसी से
जंगल नाराज़ है।