भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बुढ़िया / बद्रीनारायण" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बद्रीनारायण |संग्रह= }} <poem> यह बुढ़िया उम्र के उस प...)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:51, 24 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

यह बुढ़िया
उम्र के उस पद पर पहुँच गई है
जहाँ से शाप सकती है दुख को
सुख को कर सकती है याद
पत्थर और पानी पहचान सकती है

उम्र के इस आसन से व्ह
इन्द्र को शाप सकती है
सूर्य को शाप सकती है
शाप सकती है
मन्त्री, सन्तरी और राजा को
रंक को कर सकती है प्यार।

यहाँ से यह बुढ़िया
कुछ भी कह सकती है
पाप को पुण्य
और पुण्य को पुण्य।