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"देखि मुनि! रावरे पद आज / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर

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भली कही भूपति त्रिभुवनमें को सुकृती-सिरताज? |
 
भली कही भूपति त्रिभुवनमें को सुकृती-सिरताज? |
 
तुलसि राम-जनमहितें जनियत सकल सुकृत को साज ||
 
तुलसि राम-जनमहितें जनियत सकल सुकृत को साज ||
 
राजन! राम-लषन जो दीजै |
 
जस रावरो, लाभ ढोटनिहूँ, मुनि सनाथ सब कीजै ||
 
डरपत हौ साँचे सनेह-बस सुत-प्रभाव बिनु जाने |
 
बूझिय बामदेव अरु कुलगुरु, तुम पुनि परम सयाने ||
 
रिपु रन दलि, मख राखि, कुसल अति अलप दिननि घर ऐहैं |
 
तुलसिदास रघुबंसतिलककी कबिकुल कीरति गैहैं ||
 
 
रहे ठगिसे नृपति सुनि मुनिबरके बयन |
 
कहि न सकत कछु राम-प्रेमबस, पुलक गात, भरे नीर नयन ||
 
गुरु बसिष्ठ समुझाय कह्यो तब हिय हरषाने, जाने सेष-सयन |
 
सौम्पे सुत गहि पानि, पाँय परि, भूसुर उर चले उमँगि चयन ||
 
तुलसी प्रभु जोहत पोहत चित, सोहत मोहत कोटि मयन |
 
मधु-माधव-मूरति दोउ सँग मानो दिनमनि गवन कियो उतर अयन ||
 
 
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21:01, 27 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

राग नट

देखि मुनि! रावरे पद आज |
भयो प्रथम गनतीमें अबतें हौं जहँ लौं साधु समाज ||
चरन बन्दि, कर जोरि निहोरत, "कहिय कृपा करि काज |
मेरे कछु न अदेय राम बिनु, देह-गेह सब राज||
भली कही भूपति त्रिभुवनमें को सुकृती-सिरताज? |
तुलसि राम-जनमहितें जनियत सकल सुकृत को साज ||