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आपकी
दुकानों के आगे
खुले बरामदों में
बीतती हैं हमारी
ठिठुरती रातें
दिन भर
आपका बोझा ढोते हैं
रात को आप ही के
बरामदों में सोते हैं
आप मालिक हैं जनाब !
हम आपके नौकर हैं !
दुनिया आपकी है !
हम भी आपके !