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एक दिन
तुम रह जाओगे
बिल्कुल अकेले
एक निर्जन पठार के
किनारे खड़े
तुम जानना चाहोगे
सारे संघर्षों का अर्थ
शून्य में
पाँव रखने तक
तुम्हें कोई जवाब नहीं मिलेगा।