भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पहाड़-1 / दीनू कश्यप" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनू कश्यप |संग्रह= }} <Poem> अलस्सुबह सबसे पहले जाग ...)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:09, 28 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

अलस्सुबह
सबसे पहले
जाग जाता है

हसरत से देखता है
घाटी से उठता धुँआ
आमदरफ़्त चौपायों की
धीरे-धीरे क्वाली चढ़ते
लकड़हारे के पाँवों को

रपट जाता है
चिल्लारू पर
पगड़ीवाले आदमी का पाँव

झाड़ियों के काँटे
खींचते हैं
सैलानी बाबू की
झकझक कमीज़ को

तब वह
होहोऽऽहोहोऽऽ करके
हँसता है
परिवार के सयाने की तरह।