भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पृथ्वी और सूर्य / नरेन्द्र जैन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेन्द्र जैन |संग्रह=तीता के लिए कविताएँ / नरेन...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:47, 29 जनवरी 2009 का अवतरण
इतनी बड़ी
पृथ्वी के भीतर
आज दिखी एक और पृथ्वी
लगातार लुढ़कती
टप्पे खाती
छोटे-छोटे हाथों में सधी
गुलाबी सृष्टि
तीता की गेंद
पृथ्वी में घटित होती
एक पृथ्वी है
एक दिन इस पृथ्वी पर
दिखाई देंगे
नदी पेड़ पौधे पहाड़
किसी दिन
तीता की पृथ्वी पर
एक नन्हा सूर्य
चमकेगा