"पहेलियाँ / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर
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− | १. | + | १. |
− | तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया | + | तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया |
− | बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया | + | बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया |
− | आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी | + | आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी |
− | अमीर ख़ुसरो यूँ कहेम अपना नाम नबोली | + | अमीर ख़ुसरो यूँ कहेम अपना नाम नबोली |
− | उत्तर—निम्बोली | + | उत्तर—निम्बोली |
− | २. | + | २. |
फ़ारसी बोली आईना,<br> | फ़ारसी बोली आईना,<br> | ||
तुर्की सोच न पाईना<br> | तुर्की सोच न पाईना<br> | ||
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आए मुँह देखे जो उसे बताए <br><br> | आए मुँह देखे जो उसे बताए <br><br> | ||
− | उत्तर—दर्पण | + | उत्तर—दर्पण |
− | ३. | + | ३. |
− | बीसों का सर काट लिया | + | बीसों का सर काट लिया |
− | ना मारा ना ख़ून किया | + | ना मारा ना ख़ून किया |
+ | उत्तर—नाखून | ||
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एक गुनी ने ये गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना। | एक गुनी ने ये गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना। | ||
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देखो जादूगर का कमाल, डारे हरा निकाले लाल।। | देखो जादूगर का कमाल, डारे हरा निकाले लाल।। | ||
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उत्तर—पान | उत्तर—पान | ||
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एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत। | एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत। | ||
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फिक्र पहेली पायी ना, बोझन लागा आयी ना।। | फिक्र पहेली पायी ना, बोझन लागा आयी ना।। | ||
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उत्तर—आईना | उत्तर—आईना | ||
बाला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कुछ काम न आया। | बाला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कुछ काम न आया। | ||
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खुसरो कह दिया उसका नाँव, अर्थ कहो नहीं छाड़ो गाँव।। | खुसरो कह दिया उसका नाँव, अर्थ कहो नहीं छाड़ो गाँव।। | ||
+ | उत्तर—दिया | ||
− | + | ||
+ | घूम घुमेला लहँगा पहिने, | ||
+ | एक पाँव से रहे खड़ी | ||
+ | आठ हात हैं उस नारी के, | ||
+ | सूरत उसकी लगे परी । | ||
+ | सब कोई उसकी चाह करे है, | ||
+ | मुसलमान हिन्दू छत्री । | ||
+ | खुसरो ने यह कही पहेली, | ||
+ | दिल में अपने सोच जरी । | ||
+ | उत्तर - छतरी | ||
+ | |||
+ | |||
+ | राजा प्यासा क्यों ? | ||
+ | गदहा उदासा क्यों ? | ||
+ | उत्तर - लोटा न था । |
01:12, 4 फ़रवरी 2009 का अवतरण
१.
तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझाया
बाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बताया
आधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरी
अमीर ख़ुसरो यूँ कहेम अपना नाम नबोली
उत्तर—निम्बोली
२.
फ़ारसी बोली आईना,
तुर्की सोच न पाईना
हिन्दी बोलते आरसी,
आए मुँह देखे जो उसे बताए
उत्तर—दर्पण
३.
बीसों का सर काट लिया
ना मारा ना ख़ून किया
उत्तर—नाखून
एक गुनी ने ये गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना।
देखो जादूगर का कमाल, डारे हरा निकाले लाल।।
उत्तर—पान
एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत।
फिक्र पहेली पायी ना, बोझन लागा आयी ना।।
उत्तर—आईना
बाला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कुछ काम न आया।
खुसरो कह दिया उसका नाँव, अर्थ कहो नहीं छाड़ो गाँव।।
उत्तर—दिया
घूम घुमेला लहँगा पहिने,
एक पाँव से रहे खड़ी
आठ हात हैं उस नारी के,
सूरत उसकी लगे परी ।
सब कोई उसकी चाह करे है,
मुसलमान हिन्दू छत्री ।
खुसरो ने यह कही पहेली,
दिल में अपने सोच जरी ।
उत्तर - छतरी
राजा प्यासा क्यों ?
गदहा उदासा क्यों ?
उत्तर - लोटा न था ।