भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खाली हाथ / सीमा सोनी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सीमा सोनी }} <Poem> मैंने अपनी भावनाएँ मिट्टी में दब...)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:58, 9 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

मैंने अपनी भावनाएँ
मिट्टी में दबा दीं

अपने आँसू
रख दिए कमल की पंखुड़ियों पर
इच्छाओं को कर दिया विसर्जित
नदी में

सपनों को टांग दिया तारों पर

अपने दुख लौटा दिए मैंने
राहु और केतु को
सुखों को भेज दिया
देवलोक

बचा कर रखी मैंने अपने पास
सिर्फ़ अपनी साँस
क्योंकि साँस नहीं है
मेरे हाथ।