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"ख़त-एक / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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12:57, 18 फ़रवरी 2009 का अवतरण
हे पुत्री!
जाने कितने युग
यह कायर पिता
तुम्हारा वध करता रहा
अपने ही लहू की
सच्चाई से डरता रहा
हे पुत्री!
रखना याद
जब कभी तुम
इस जनक से
मिलने आओगी
इसे संपूर्ण प्राणों से
अपनी ही
प्रतीक्षा करने पाओगी