Changes

फ़िल्म का नाम 'सत्यम शिवम सुन्दरम' नहीं
'नंगम धड़ंगम शरीरम' रख देता
तोदर्शक स्वीकार कर लेतातरस तो बेचारी ज़ीनत अमान पर आता हैजिसने आधी धोती पहन कर शरीर ढांका हैऔर फ़िल्म के पर्दे परभारतीय नारी का संस्कार टांका हैफिर भी लोगबेचारी की नीन्द हराम कर रहे हैंफ़िल्म में हीरो ने बदनाम किया बाहर लोग बदनाम कर रहे हैंमैं ऐसी गलती नहीं करुंगाहीरोइन के लिएख़ूबसूरत गधैया तलाशूंगाउससे ओरिजिनल कैबरे करवाऊंगाजब बदन पर कपड़े नहीं होंगेतो क्या उतरवाऊंगामगर पहलेकोई ठिकाने का गधा मिलेतो काम चलेहमने कहा-" हमारे बारे में तुम्हारा क्या खयाल है।"वो बोला-"परसेनिलिटी का सवाल हैवर्ना तुमको लेकर बना देताबाकी सब ठीक हैचेहरे पर सूंड लटका देता।"