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"ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा<br>
 
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा<br>
 
क़ाफिला साथ और सफर तन्हा<br><br>
 
क़ाफिला साथ और सफर तन्हा<br><br>

19:30, 11 मार्च 2009 का अवतरण

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफिला साथ और सफर तन्हा

अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस कदर तन्हा

रात भर बोलते हैं सन्नाटे
रात काटे कोई किधर तन्हा

दिन गुज़रता नहीं है लोगों में
रात होती नहीं बसर तन्हा

हमने दरवाज़े तक तो देखा था
फिर न जाने गए किधर तन्हा