भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सीढ़ी लगे उतरने / अनूप अशेष" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनूप अशेष }} <poem> किनके पंजों पाँव-पाँव हम घुनी सी...)
(कोई अंतर नहीं)

18:46, 23 मार्च 2009 का अवतरण

किनके पंजों
पाँव-पाँव हम
घुनी सीढ़ियाँ लगे उतरने।

उम्र उठी
चल कर आई
वैसाखी थामे,
बैठे रहे सहोदर
बेटे
अपने नामे।

सूखे पत्तों में
चमके चिंगारी
आए बाँहों भरने।

कोई किसी नाम का
ऐसे गुन
क्यों गाए,
पोथी-पत्रा
आखर-बानी
सुख तरसाए।

हिरनों के छौने
घाटी में
ऊपर झरने।