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"शहर के लोग / प्रभात त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

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एक ही कष्ट है यारो!
 
एक ही कष्ट है यारो!
 
कि यह शहर  
 
कि यह शहर  
सिरे से भष्ट्र है यारो!
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सिरे से भ्रष्ट है यारो!
  
 
लोग यह बात  
 
लोग यह बात  

18:22, 30 मार्च 2009 के समय का अवतरण

इस शहर के लोगों को
एक ही कष्ट है यारो!
कि यह शहर
सिरे से भ्रष्ट है यारो!

लोग यह बात
इस तरह कहते हैं
जैसे यहाँ नहीं,
कही और रहते हैं।