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"सांध्य समाचार / ध्रुव शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
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आ रहा है वह
सुन रहे हैं सब
उसके आने की पदचाप
उड़ रही है गंध
उसके आगमन की
हत्यारा नहीं है वह
यही है सान्ध्य समाचार
रोज़ उठा ले जाता है किसी एक को
शक्ति और सौन्दर्य के सामने
हर पल
वन में काँपती है मृत्यु!