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टूट रहे हैं पुल?
या कि मैंने ख़ुद ही तोड़ दिए हैं?
आँखों की पुतलियों में क्या कोई संक्रामक रोग लगा है?
साक्षात पास के लोग भी अकस्मात दूर हो जाते हैं
साफ़-साफ़ नहीं दिखाई देता।
 
मैं क्या विदेश में हूँ?
या कि मैं ख़ुद ही विदेश हो गई हूँ?
तुम लोग क्या पुलों को तोड़ कर
नावों को जलाकर आदिगन्त
लौट गए हो अपने देश ?
या कि निकले हो दूर प्रवास पर ?

आँख की पुतलियों में कोई रोग लगा है -
या कि सीने की गहराई में है वह बीमारी ?
पृथ्वी को न जाने कुछ हो गया है -
हर रोज़ मिटता जाता है अभ्यस्त भेद
घर और प्रवास में,
अविरल, जीवित रहने और न रहने में...


 मूल बंगला से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी