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"तुन्द मै और ऐसे कमसिन के लिये / अमीर मीनाई" के अवतरणों में अंतर

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19:08, 1 मई 2009 का अवतरण

 
तुन्द मै और ऐसे कमसिन के लिये
साक़िया हल्की सी ला इन के लिये

मुझ से रुख़सत हो मेरा अहद-ए-शबाब
या ख़ुदा रखना ना उस दिन के लिये

है जवानी ख़ुदा जवानी का सिन्गार
सादगी गहना है इस सिन के लिये

सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द
अब कोई हूर आयेगी इन के लिये

वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये

सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये

लाश पर इबरत ये कहती है 'आमीर'
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये