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"मीठा बोलो / श्याम सुन्दर अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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19:16, 3 मई 2009 के समय का अवतरण

काले रंग का कौवा होता,
काली ही कोयल होती ।
कोयल का सम्मान करें सब,
कौवे की दुर्गति होती ।

रंग से कुछ फ़र्क न पड़ता,
पड़े गुणों का मोल ।
कौवे की कर्कश काँव-काँव,
कोयल के मीठे बोल ।

प्यार अगर पाना है बच्चो,
मिश्री-सा मीठा बोलो,
मधुर आवाज़ निकालो मुख से,
कानों में रस घोलो ।