भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वास्ता / नरेश चंद्रकर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेश चंद्रकर |संग्रह=बातचीत की उड़ती धूल में / न...)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:43, 5 मई 2009 के समय का अवतरण

तितलियों को हत्यारों से क्या वास्ता
उनका उड़ना तो कवि देखते हैं
या लड़के जो
अभी नागरिक नहीं बने हैं

इसलिए तितलियाँ भी
ख़ून देखनेवालों की आँखों से दूर

बेचारी नादान तितलियाँ

जब वास्ता पड़ेगा
तब वे क्या
फूल तक कहाँ बचेंगे!!