भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दाएँ बाएँ क्या होता है / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजय वाते |संग्रह= दो मिसरे / विजय वाते }} <poem> दाएँ ब...)
 
(कोई अंतर नहीं)

05:43, 7 मई 2009 के समय का अवतरण

दाएँ बाएँ क्या होता है।
बैलों ने ये कब जाना है।

पिंजरे को खोला तो पाया
मिट् ठू उड़ना भूल गया है।

रस्से बान्धो या ना बान्धो,
ऊँट कहाँ जाने वाला है।

हाँकोगे जिस ओर उसे तुम,
उस जानिब वो चल पड़ता है।

बचपन से सीखा है 'वाते'
सरल राह सीधी रेखा है।