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"तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है / मुनीर नियाज़ी" के अवतरणों में अंतर

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22:30, 7 मई 2009 के समय का अवतरण

तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है|
जिस का कोई नहीं उस का तो ख़ुदा होता है|

माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं,
किस का माँगी हुई दौलत से भला होता है|

लोग नाहक किसी मजबूर को कहते हैं बुरा,
आदमी अच्छे हैं पर वक़्त बुरा होता है|

क्यों "मुनिर" अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा,
जितना तक़दीर में लिखा है अदा होता है|