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"बीज / इब्बार रब्बी" के अवतरणों में अंतर
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17:25, 23 मई 2009 का अवतरण
मैं आदिम अंधेरे में
बीज की तरह
सुगबुगाना चाहता हूँ
आकाश और पृथ्वी से बाहर
माँ के गर्भ में
एक बूंद की तरह
आँख मलना चाहता हूँ
मैं एक महान नींद से
भयंकर आनन्द और
विस्मय में जगना चाहता हूँ।
रचनाकाल : 11.12.1976