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पुराना ख़ून है उनमें
मृत मुँह से चबाते हैं वे अंधेरा वहाँ
जहाँ चमकी थीं तलवारें
मनहूस अंधेरे में होती हैं राजसी दावतें
सूरज फ़ेंक रहा है अभी भी कुछ तीर
हम घुसते हैं उनमें और बढ़ते हैं आगे
सीढ़ियाँ आती हैं, फिर ड्योढ़ियाँ और परदे फिर
कभी खुलते हैं तो कभी गिर जाते हैं
गंदले फ़र्श पर घटती-बढ़ती हैं परछाईयाँ हमारी
रेंगती हैं पैरों के पास कुछ यों
ज्यों पैरों से लिपटते हैं कूं-कूं करते कुत्ते
अंधेरे और उदास आंगनों के ऊपर वहाँ उनमें
घूमते हैं वायुगति बताने वाले पंखे
उल्लासित दक्षिण में चढ़ते हैं धीमी गति से
उजले-उजले रथ नभवासी देवताओं के
मूल जर्मन भाषा से रूसी भाषा में अनुवाद : मिखाइल गस्पारव
रूसी से हिन्दी में अनुवाद : अनिल जनविजय