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"तानाशाह-2 / श्याम किशोर" के अवतरणों में अंतर
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वह निकलता है
अपने स्वागत के लिए तैनात रास्तों पर
’बुलेट-प्रूफ़’ आयातित कार पर सवार
उसके आगे और पीछे
सुरक्षा वाहनों का
एक लम्बा सिलसिला होता है !
सबसे पीछे
थोड़े से फ़ासले पर
चलती है एक ठेलागाड़ी
स्वागत के लिए तैनात रास्तों को
तह कर समेटती हुई ।
अपने बेहद सतर्क खुफ़िया-जाल के बावजूद
उसे पता नहीं होता
अपने विरुद्ध रचे गए
वक़्त के इस षड़यंत्र का,
क्योंकि वह तानाशाह है
अपने वक़्त का !