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"पेड़ों की उदासी / शुभा" के अवतरणों में अंतर
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20:31, 29 मई 2009 के समय का अवतरण
पेड़ों के पास ऐसी कोई भाषा नहीं थी
जिसके ज़रिये वे अपनी बात
इन्सानों तक पहुँचा सकें
शायद पेड़ बुरा मान गए किसी बात का
वे बीज कम उगाने लगे
और बीजों में उगने की इच्छा ख़त्म हो गई
बचे हुए पेड़ों की उदासी देखी जा सकती है