भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अपने जन्मदिन पर-1 / प्रेमचन्द गांधी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमचन्द गांधी |संग्रह= }} <Poem> न जाने कितने बीहड़...)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:06, 31 मई 2009 के समय का अवतरण

न जाने कितने बीहड़ों को पार कर आया हूँ मैं
जिसे बचपन में मास्टरजी
कप-प्लेट धोने से ज़्यादा योग्य नहीं समझते थे

कितने ही जन्मदिन आए-गए
ख़याल ही नहीं रहा
कुछ तो सिर्फ़ मजूरी करते हुए काटे

आज भी याद नहीं रहता
घर वाले ही याद दिलाते हैं अक़सर
या कुछ सबसे अच्छे दोस्त

इस जन्म-तारीख़ में कुछ भी तो नहीं उल्लेखनीय
सिवा इसके कि इसी दिन जन्मी थीं महादेवी
और मैं भी करता हूं कविताई