भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मूर्तिकार-1 / प्रेमचन्द गांधी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमचन्द गांधी |संग्रह= }} <Poem> ध्यान से सुनो छैनी...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:16, 31 मई 2009 के समय का अवतरण
ध्यान से सुनो
छैनी हथौड़े का यह संगीत
खो जाओ
मेहनत और कारीगरी की इस सिम्फनी में
एक आदमी
तराश रहा है विधाता को