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"प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ॥ध्रु०॥ मथु...)
 
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17:55, 19 जून 2009 के समय का अवतरण

प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ॥ध्रु०॥
मथुरा नगरीमों राज करत है बैठे। नंदके लाल॥१॥
भक्तनके दुःख जानत नहीं। खेले गोपी गवाल॥२॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। भक्तनके प्रतिपाल॥३॥