भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अजब सलुनी प्यारी मृगया नैनों / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> अजब सलुनी प्यारी मृगया नैनों। तें ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:53, 22 जून 2009 के समय का अवतरण
अजब सलुनी प्यारी मृगया नैनों। तें मोहन वश कीधोरे॥ध्रु०॥
गोकुळमां सौ बात करेरे बाला कां न कुबजे वश लीधोरे॥१॥
मनको सो करी ते लाल अंबाडी अंकुशे वश कीधोरे॥२॥
लवींग सोपारी ने पानना बीदला राधांसु रारुयो कीनोरे॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर चरणकमल चित्त दीनोरे॥४॥