भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"लाज रखो तुम मेरी प्रभूजी / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> लाज रखो तुम मेरी प्रभूजी। लाज रखो त...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:12, 22 जून 2009 के समय का अवतरण
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
लाज रखो तुम मेरी प्रभूजी। लाज रखो तुम मेरी॥ध्रु०॥
जब बैरीने कबरी पकरी। तबही मान मरोरी॥ प्रभुजी०॥१॥
मैं गरीब तुम करुनासागर। दुष्ट करत बलजोरी॥ प्रभुजी०॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम पिता मैं छोरी॥ प्रभुजी०॥३॥