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"प्रगट भयो भगवान / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> प्रगट भयो भगवान॥ध्रु०॥ नंदाजीके घ...)
 
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19:16, 22 जून 2009 के समय का अवतरण

प्रगट भयो भगवान॥ध्रु०॥
नंदाजीके घर नौबद बाजे। टाळ मृदंग और तान॥१॥
सबही राजे मिलन आवे। छांड दिये अभिमान॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। निशिदिनीं धरिजे ध्यान॥३॥