भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सामळोजी मारी बात / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> सामळोजी मारी बात। बाई तमे सामळोजी ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:21, 22 जून 2009 के समय का अवतरण
सामळोजी मारी बात। बाई तमे सामळोजी मारी बात॥ध्रु०॥
राधा सखी सुंदर घरमां। कुबजानें घर जात॥१॥
नवलाख धेनु घरमां दुभाय। घर घर गोरस खात॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमलपर हात॥३॥