भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उम्मीद / मृत्युंजय प्रभाकर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मृत्युंजय प्रभाकर }} <poem> वे आ रहे थे आ रहे थे रहे थ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:53, 22 जून 2009 का अवतरण
वे आ रहे थे
आ रहे थे
रहे थे
थे
वे आ रहे हैं
आ रहे हैं
रहे हैं
हैं
वे ज़रूर आएंगें
ज़रूर आएंगें
आएंगें
ज़रूर!
रचनाकाल : 10.11.07