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"प्रण-भंग / रामधारी सिंह "दिनकर"" के अवतरणों में अंतर

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02:30, 23 जून 2009 का अवतरण

विश्व-विभव की अमर वेलि पर
फूलों-सा खिलना तेरा।
शक्ति-यान पर चढ़कर वह
उन्नति-रवि से मिलना तेरा।
भारत ! क्रूर समय की मारों
से न जगत सकता है भूल।
अब भी उस सौरभ से सुरभित
हैं कालिन्दी के कल-कूल।