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"चुम्बन / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर

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लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,<br>
 
लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,<br>
 
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल<br><br>
 
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल<br><br>

18:56, 24 जून 2009 का अवतरण

लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल

कुमुदों के स्मिति-मन्द खुले वे अधर चूम कर,
बही वायु स्वछन्द, सकल पथ घूम घूम कर

है चूम रही इस रात को वही तुम्हारे मधु अधर
जिनमें हैं भाव भरे हु‌ए सकल-शोक-सन्तापहर !