भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तीनों बन्दर बापू के / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
[[Category:कविताएँ]]
 
[[Category:नागार्जुन]]
 
 
 
<Poem>
 
<Poem>
 
बापू के  भी  ताऊ निकले तीनों  बन्दर बापू के !
 
बापू के  भी  ताऊ निकले तीनों  बन्दर बापू के !

22:22, 24 जून 2009 का अवतरण

बापू के भी ताऊ निकले तीनों बन्दर बापू के !
सरल सूत्र उलझाऊ निकले तीनों बन्दर बापू के !
सचमुच जीवनदानी निकले तीनों बन्दर बापू के !
ग्यानी निकले, ध्यानी निकले तीनों बन्दर बापू के !
जल-थल-गगन-बिहारी निकले तीनों बन्दर बापू के !
लीला के गिरधारी निकले तीनों बन्दर बापू के !

       सर्वोदय के नटवरलाल
        फैला दुनिया भर में जाल
        अभी जियेंगे ये सौ साल
        ढाई घर घोडे की चाल
        मत पूछो तुम इनका हाल
        सर्वोदय के नटवरलाल