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"अपने शहर में / शिरीष कुमार मौर्य" के अवतरणों में अंतर

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अपने शहर में  
 
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जब मैं कुछ बोलता था
 
जब मैं कुछ बोलता था

01:07, 4 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

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अपने शहर में
जब मैं कुछ बोलता था
तो उसका
जवाब आता था

अब मैं बोलता रहता हूँ
अकेला ही

किसी काम नहीं आता
मेरा बोलना

यह बताने के भी नहीं
कि मैं
अपने शहर में हूँ !