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"ठाकुरप्रसाद सिंह / परिचय" के अवतरणों में अंतर

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ठाकुर प्रसाद सिंह का जन्म वाराणासी में हुआ। इन्होंने हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व में उच्च शिक्षा प्राप्त की। कई वर्षों तक अध्यापन और पत्रकारिता के बाद उत्तरप्रदेश के सूचना विभाग में चले गए। वहां हिन्दी संस्थान के निदेशक रहे। कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। नाटक तथा उपन्यास भी लिखे। कविता के क्षेत्र में 'महामानव (प्रबंध-काव्य) एवं 'वंशी और मादल (गीत-संग्रह) विशेष चर्चित रहे। नवगीत विधा के कवियों में इनका प्रमुख स्थान है।
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|रचनाकार=ठाकुरप्रसाद सिंह
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}}ठाकुर प्रसाद सिंह का जन्म वाराणासी में हुआ। इन्होंने हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व में उच्च शिक्षा प्राप्त की। कई वर्षों तक अध्यापन और पत्रकारिता के बाद उत्तरप्रदेश के सूचना विभाग में चले गए। वहां हिन्दी संस्थान के निदेशक रहे। कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। नाटक तथा उपन्यास भी लिखे। कविता के क्षेत्र में 'महामानव (प्रबंध-काव्य) एवं 'वंशी और मादल (गीत-संग्रह) विशेष चर्चित रहे। नवगीत विधा के कवियों में इनका प्रमुख स्थान है।

03:57, 28 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

ठाकुर प्रसाद सिंह का जन्म वाराणासी में हुआ। इन्होंने हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व में उच्च शिक्षा प्राप्त की। कई वर्षों तक अध्यापन और पत्रकारिता के बाद उत्तरप्रदेश के सूचना विभाग में चले गए। वहां हिन्दी संस्थान के निदेशक रहे। कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। नाटक तथा उपन्यास भी लिखे। कविता के क्षेत्र में 'महामानव (प्रबंध-काव्य) एवं 'वंशी और मादल (गीत-संग्रह) विशेष चर्चित रहे। नवगीत विधा के कवियों में इनका प्रमुख स्थान है।