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श्यामनंदन किशोर हिन्दी के मूर्धन्य कवि एवं विद्वान थे। ये बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। इन्हें अंग्रेजी, इटालियन, रूसी, चेक आदि अनेक भाषाएं आती थीं। ये कई बार विदेशों में भाषण देने गए तथा नेशनल प्रोफेसर रहे। इनके मुख्य काव्य-संग्रह है : 'शेफालिका, 'विभावरी, 'बंधूक, 'सूरजमुखी तथा 'कविश्री। 'इडा, 'गायत्री तथा 'सीता इनके महाकाव्य हैं। इन्हें पद्मश्री अलंकरण तथा 'नेहरू फेलोशिप सम्मान प्राप्त हुए।