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"सांई सब संसार में / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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18:52, 29 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

सांई सब संसार में, मतलब को व्यवहार।
जब लग पैसा गांठ में, तब लग ताको यार॥

तब लग ताको यार, यार संगही संग डोलैं।
पैसा रहा न पास, यार मुख से नहिं बोलैं॥

कह 'गिरिधर कविराय जगत यहि लेखा भाई।
करत बेगरजी प्रीति यार बिरला कोई सांई॥