भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नैना निपट बंकट छबि अटके / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} Category:पद <poeM>नैना निपट बंकट छबि अटके। दे...)
(कोई अंतर नहीं)

02:45, 30 जुलाई 2009 का अवतरण

नैना निपट बंकट छबि अटके।

देखत रूप मदनमोहन को, पियत पियूख न मटके।

बारिज भवाँ अलक टेढी मनौ, अति सुगंध रस अटके॥

टेढी कटि, टेढी कर मुरली, टेढी पाग लट लटके।

'मीरा प्रभु के रूप लुभानी, गिरिधर नागर नट के॥