भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भागी बहुत बेचारी मछली / प्रेम भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: <poem> भागी बहुत बेचारी नछली हाँफ गई तो हारी नछली डाला काँटा बाँधा पा...)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=प्रेम भारद्वाज
 +
|संग्रह= मौसम मौसम / प्रेम भारद्वाज
 +
}}
 +
[[Category:ग़ज़ल]]
 
<poem>
 
<poem>
 
भागी बहुत बेचारी नछली
 
भागी बहुत बेचारी नछली

07:28, 5 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

भागी बहुत बेचारी नछली
हाँफ गई तो हारी नछली

डाला काँटा बाँधा पानी
कितनी चालों मारी मछली

भव सागर के बड़े मच्छों ने
छोटी जान डकारी मछली

गाँव शहर फिरते मछुआरे
फिरती मारी-मारी मछली

भक्रों के लालच के आगे
हारी स्वर्णिम प्यारी मछली

प्रेम कहानी दुष्यंतों की
याद दिला दे सारी मछली