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"गुनगुनी धूप-सी / साँवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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18:54, 15 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

पाला खाए पीले पात लिए
जमे हुए खड़े हैं
कोहरा ओढ़े पेड़

ठिठुरता पड़ा कहीं अकेला मैं
हो उठा ताज़ा-दम
मन-छ्त पर छितराई जैसे ही
गुनगुनी धूप-सी स्मृति तुम्हारी !