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किसलय फूटी / नचिकेता

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सूखे तरू में किसलय फूटी
सूखे तरू में किसलय फूटी<br><br>बच्चों के लाल अधर जैसीमुस्काते गुलमोहर जैसीफूली है संजीवन बूटी
बच्चों के लाल अधर जैसी<br>हरियाली की पायल छनकीमुस्काते गुलमोहर जैसी<br>अँखुआयीं यादें बचपन कीफूली है संजीवन बूटी<br><br>सपनों की चिर तन्द्रा टूटी
हरियाली की पायल छनकी<br>अंखुआयीं यादें बचपन की<br>सपनों की चिर तन्द्रा टूटी<br><br> अब जीवन आँखें खोलेगा<br>मिहनत की जेब टटोलेगा<br>
जो गयी सदा छल से लूटी।
</poem>
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