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नजर मौसम की
 
नजर मौसम की

17:43, 24 अगस्त 2009 का अवतरण

नजर मौसम की
हवाओं की चाल पर है
नजर मौसम की

कहां तीखा घाम
बरखा कहां होनी है
किस जगह के चेहरे की
मैल धोनी है
कहां गूंजेगी
ध्वनि अविराम सरगम की

है अभी उलझी
हुई गुत्थी सवालों की
नापनी है चाल धड़कन की
उछालों की
भोर की आंखें
उमंगों से भरी चमकी

हर परिन्दे की
उड़ान चाह होती है
आंधियों में गुम न कोई
राह होती है
चिलचिलाती धूप में
बेला न क्या गमकी