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"अगरबत्ती / इला प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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19:30, 31 अगस्त 2009 का अवतरण

अंदर की आँच

अधिक तो नहीं थी

बस एक जलती हुई अगरबत्ती थी

जो धीमे-धीमें सुलगती रही

अलक्षित

और एक दुनिया अंदर ही अंदर

जल कर राख हो गयी

अपने ही अंदर की आग से

अगरबत्ती की राख से

फिर से उठी मैं

अगरबत्ती बन कर

और फिर से तपने लगी